आप सभी को राधे राधे
मानव जीवन का सबसे गूढ़ रहस्य मृत्यु है। चाहे इंसान कितना भी शक्तिशाली, बुद्धिमान या संपन्न क्यों न हो, अंततः उसे मृत्यु का सामना करना ही पड़ता है। यह एक ऐसा सत्य है जिससे कोई बच नहीं सकता। किंतु प्रश्न यह है कि मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है? क्या जीवन यहीं समाप्त हो जाता है या मृत्यु के बाद कोई नई यात्रा प्रारंभ होती है? इसका उत्तर हमारे धर्म, ग्रंथों में है
पापी व्यक्ति की मृत्यु के बाद की यात्रा
जब किसी की मृत्यु होती है तब उस व्यक्ति की अवस्था विचित्र हो जाती है और उसकी आवाज बंद हो जाती है तभी यमराज के दूत लोग आते हैं और यमराज की दूतों को देखकर वह अत्यंत भयभीत हो जाता है भयसे अपने परिवार वालों को पुकारने की कोशिश करता है लेकिन कुछ बोल नहीं पता और बिबस हो जाता है उसके उपरांत यमराज दूत लोग उसके आते हैं उसके प्राणों को खींचने लगते हैं उसे समय उसे व्यक्ति को अपार कष्ट होता है जैसे एक साथ हजारों डंक मारती हूं और वह व्यक्ति अपने और परिवार वालों को देखकर बहुत दुखी होता है मेरे परिवार वाले मुझे छूट जाएंगे
इसी प्रकार उसे व्यक्ति के आत्मा को पकड़ कर ले जाने लगते हैं और उसे आत्मा को तरह-तरह के कष्ट देते हैं कभी उसे कोणों से मारते हुए लेकर जाते हैं और और वह आत्मा बहुत दुखी हो जाता है वह कभी दुखी होकर रोने लगता है तब वह अपने कर्मों को याद करके बहुत दुखी हो जाता है उसे पकड़कर यमपुरी की और ले जाते हैं वहां पकाने के बाद उसे यमराज जी के समीप लाया जाता है उसके बाद उसके अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब होता है उसको उसके कर्मों के अनुसार दंड दिया नरक में वहां पर कुछ समय तक उसको अत्यंत भयानक कष्ट दिया जाता है समय समाप्त होने पर उसको 80 लाख योनियों में किसी योनि में भेज दिया जाता है उसके कर्मों के अनुसार
भक्त की मृत्यु के बाद की यात्रा
जो भगवान की पूजा पाठ करते हैं और उनका नाम लेते है उनक जब इनका अंत समय आता है तब भगवान के पार्षद आते है और पार्षदों को देखकर वह अत्यंत खुश हो जाता है भक्ति जब शरीर तक आता है तो उसे कुछ भी पीड़ा नहीं होती वह बहुत आनंद से अपने शरीर को त्यागता है की खुशी का कारण है कि वह अपने भगवान से मिलने वाला इसलिए वह बहुत खुशी शरीर को त्यागता का है उसके बाद में पार्षद लोग भक्ति के ऊपर पुष्पों की वर्षा करते हुए और नाच गान के साथ उसे विमान में बिठाकर बैकुंठ में लेकर जाते हैं वहां को पहुंचने के बाद भगवान स्वयं भक्त का बहुत आदर और सम्मान करते हैं और अपने गले लगते है
यदि आप भी भक्त के जैसे विमान पर बैठकर जाना चाहते हैं तो आप भी आज ही से भगवान का नाम जप करें और सत्संग में जाया करें झूठ नं बोले मांस मदिरा से दूर रहे जितना हो सके अच्छे कर्म करें
भक्त की जैसे गति पाने के तरीके
1. भगवान की कथा सुने
2.नाम जप करें
3.भक्तों का संग करे
4. दान करने
5 . भगवान की पूजा पाठ करे
6. अपने माता पिता की सेवा करे भगवान मन कर
7 दिन हीन लोगों की मदद करें
8. साधु संतो कि सेवा करे
9. तिलक धारण करें और तुलसी की माला पहने
10. धार्मिक ग्रंथो का पाठ करें
आप सभी लोग अपने जीवन को सफल बनाए
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